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Showing posts from June, 2025

BAHL-(N)-202 TOP 15 QUESTIONS AND ANSWERS

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आज हम आपको UOU STUDY POINT की तरफ से UTTRAKHAND OPEN UNIVERSITY के पेपर Code BAHL-N-202 के 4 सेमेस्टर के 15 महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर लाए है जो आपकी परीक्षा में बहुत उपयोगी होंगे BAHL(N)-202 TOP 15 QUESTIONS AND ANSWERS  प्रश्न 01: हिंदी नाटक के उद्भव और विकास पर प्रकाश डालिए। उत्तर :- हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में नाटक एक प्रभावशाली और जीवंत विधा है, जो न केवल पाठकों को मनोरंजन प्रदान करती है, बल्कि समाज के यथार्थ, समस्याओं, और संवेदनाओं को भी प्रस्तुत करती है। हिंदी नाटक का विकास एक लंबे ऐतिहासिक और साहित्यिक क्रम से होकर गुजरा है। ✦ हिंदी नाटक का उद्भव (Origin of Hindi Drama): हिंदी नाटक का प्रारंभिक स्वरूप भारतेंदु युग में दिखाई देता है। हालाँकि संस्कृत, अपभ्रंश, ब्रज और अवधी भाषाओं में भी नाटक लिखे गए थे, लेकिन आधुनिक हिंदी नाटक का उद्भव 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ। ► पूर्व-आधुनिक काल: संस्कृत नाटक: कालिदास, भवभूति, भास जैसे नाटककारों की रचनाओं ने भारतीय नाट्य परंपरा को समृद्ध किया। भक्तिकाल और रीतिकाल: इस काल में मुख्य रूप से धार्मिक एवं राजसी विषयों पर आधारित ...

UOU BAED-N-202 TOP 10 MOST IMPORTANT QUESTIONS PART - 1

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आज हम आपको UOU STUDY POINT की तरफ से UTTRAKHAND OPEN UNIVERSITY के पेपर Code BAED-N-202 के 4 सेमेस्टर के 10 महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर लाए है जो आपकी परीक्षा में बहुत उपयोगी होंगे UOU BAED-N-202 TOP 10 MOST IMPORTANT QUESTIONS PART - 1 1. शिक्षा मनोविज्ञान से आप क्या समझते हैं? मनुष्य के विकास में इसके महत्त्व का वर्णन कीजिए। उत्तर: शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) मनोविज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जो विशेष रूप से शिक्षण और अधिगम (Learning) की प्रक्रिया का वैज्ञानिक अध्ययन करती है। यह यह समझने का प्रयास करता है कि विद्यार्थी कैसे सीखते हैं, किन कारकों से उनके सीखने की प्रक्रिया प्रभावित होती है, तथा एक शिक्षक किस प्रकार अपने शिक्षण को प्रभावी बना सकता है। सरल शब्दों में, शिक्षा मनोविज्ञान वह विज्ञान है जो यह अध्ययन करता है कि विद्यार्थी कैसे सोचते हैं, सीखते हैं, याद रखते हैं और व्यवहार करते हैं। शिक्षा मनोविज्ञान के प्रमुख तत्व 1. सीखने की प्रक्रिया का अध्ययन 2. बाल विकास और किशोरावस्था का विश्लेषण 3. मनोवैज्ञानिक प्रेरणा (Motivation) 4. ...

BAHL(N)-201 SOLVED PAPER DECEMBER 2024

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आज हम आपको UOU STUDY POINT की तरफ से Uttrakhand Open University के पेपर BAHL(N)-201 DECEMBER 2024 के सॉल्वड पेपर के प्रशोंत्तर प्राप्त मिलेंगे जो परीक्षा में मदद करेंगे | BAHL(N)-201 SOLVED PAPER DECEMBER 2024 Long Answer Type Questions 1. रीतिकालीन सामाजिक परिवेश को सविस्तार समझाइए। उत्तर : रीतिकालीन सामाजिक परिवेश (1650-1850 ई.) हिंदी साहित्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण काल है, जिसे श्रृंगारिक काव्य युग भी कहा जाता है। इस काल के साहित्य पर तत्कालीन समाज, राजनीति, धर्म और संस्कृति का गहरा प्रभाव था। इस उत्तर में हम रीतिकाल के सामाजिक परिवेश को विस्तारपूर्वक समझेंगे। रीतिकालीन सामाजिक परिवेश का विस्तृत विश्लेषण 1. राजनीतिक पृष्ठभूमि रीतिकालीन समाज की राजनीतिक स्थिति बहुत अस्थिर थी। मुगल साम्राज्य का पतन शुरू हो गया था, और क्षेत्रीय शक्तियाँ उभर रही थीं, जैसे कि राजपूत, मराठा और नवाब। इस युग में साहित्य राजाओं और सामंतों के दरबारों में आश्रित हो गया, जिससे कवियों ने दरबारी संस्कृति को बढ़ावा दिया। दरबारी जीवन में विलासिता और दिखावा प्रमुख था। कवियों को आश्रय देने की परंपरा थी, जिससे वे ...